Introduction
लैराई देवी मंदिर के अध्यक्ष, अधिवक्ता दीनानाथ गांवकर ने शनिवार को बताया कि श्रीगाओ में जात्रा के दौरान भगदड़ तब मची जब एक भक्त ने गलती से अपनी बेंत से बिजली का बल्ब छू लिया, जिससे उसे झटका लगा और वह भीड़ में मौजूद अन्य लोगों पर गिर पड़ा। गांवकर ने आगे बताया कि लगभग 50,000 से 70,000 ढोंड (लैराई देवी के अनुयायी) जात्रा के लिए एकत्र हुए थे।
'करीब 50,000 से 70,000 ढोंड (लैराई देवी के अनुयायी) यहां जात्रा में थे... भीड़ में लोग भीड़ में आगे निकलने के लिए एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे... हम में से कई ग्रामीणों ने उन्हें रोकने और मामले को सुलझाने की कोशिश की। लेकिन ये लोग हमारी बात सुनने को तैयार ही नहीं थे। इस दौरान कुछ लोग यहां एक दुकान पर गए, इस दौरान एक व्यक्ति का बेंत (बेंत की छड़ी) एक बल्ब को छू गया और उसे बिजली का झटका लगा। वह दूसरे लोगों पर गिर गया और इस तरह भगदड़ शुरू हो गई...' लैराई देवी मंदिर के अध्यक्ष एडवोकेट दीनानाथ गांवकर ने कहा। उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अक्षत कौशल ने शनिवार को कहा कि हम अभी भी शिरगाओ में भगदड़ की घटना का सही कारण जानने की कोशिश कर रहे हैं।
कौशल ने बताया कि (लाराई) जात्रा के लिए मंदिर के अंदर 50,000 से ज़्यादा लोग मौजूद थे और करीब 400 पुलिस अधिकारी ड्यूटी पर थे। और, उन्होंने आगे कहा कि यह पहली बार है जब इस उत्सव में ऐसी घटना हुई है। एएनआई से बात करते हुए, उत्तरी गोवा के एसपी अक्षत कौशल ने कहा, 'हम अभी भी घटना के सटीक कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, हमें बताया गया है कि भगदड़ कुछ लोगों द्वारा अफ़वाह फैलाने की वजह से हुई होगी... हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती (लाराई) जात्रा के लिए मंदिर के अंदर मौजूद 50,000 से ज़्यादा लोगों को शांतिपूर्वक बाहर निकालना था। जात्रा के लिए यहां करीब 400 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। इस अवसर पर ऐसा पहली बार हुआ है।'
इससे पहले गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने शिरगाव का दौरा किया, जहां भगदड़ की घटना हुई थी। भगदड़ की घटना शनिवार सुबह करीब 4-5 बजे हुई।