Introduction
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बजट सत्र के दौरान लोकसभा में बोलते हुए कहा कि कांग्रेस दिल्ली में एक भी सीट नहीं जीत पाई, जिसके बाद भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनकी पार्टी के चुनावों के ट्रैक रिकॉर्ड पर सवाल उठाए। भाजपा नेता ने कांग्रेस के केंद्र में सत्ता में रहने के दौरान 'उच्च' आयकर पर कटाक्ष करते हुए लोगों को आहत किया।
संसद के अंदर, एक छोटा सा पोस्टर पकड़े हुए, जिस पर लिखा है कि 12 लाख रुपये की आय तक 'जीरो टैक्स' है, श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को इस 'जीरो' से बुरा लग सकता है, लेकिन सरकार करोड़ों आम लोगों में खुशी देख रही है। श्री ठाकुर ने कहा, 'राहुल जी, जीरो चेक करें।' उनका इशारा इंटरनेट पर श्री गांधी के एक मीम की ओर था, जिसमें कांग्रेस नेता को एक पेट्रोल पंप अटेंडेंट के रूप में दिखाया गया है, जो एक मोटर यात्री से ईंधन मीटर में 'जीरो चेक' करने के लिए कह रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में नए आयकर स्लैब की घोषणा की, जिसमें सालाना 12.75 लाख रुपये तक की आय वाले वेतनभोगी लोगों को आयकर से छूट दी गई। कल, श्री ठाकुर ने कांग्रेस सांसद को 'शहरी नक्सल' कहा, जब श्री गांधी ने अगले विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर मतदाता विस्तार का आरोप लगाया था।
आज संसद में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए श्री ठाकुर ने कांग्रेस की हार की लंबी सूची बताई और पूछा कि कुछ चुनावों में कांग्रेस ने कितनी सीटें जीती हैं। श्री ठाकुर द्वारा पूछे गए हर सवाल पर अन्य भाजपा नेताओं ने 'शून्य' जवाब दिया।
श्री ठाकुर ने आज संसद में कहा, ‘अगर किसी ने शून्य का यह रिकॉर्ड बनाने का काम किया है, तो वह राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी है।’ दिल्ली में फिर से उभरने की उम्मीद कर रही कांग्रेस लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं जीत पाई। पार्टी ने 1998 से शुरू होकर 15 साल तक दिल्ली पर राज किया।
ठाकुर ने कहा, ‘‘मैं आप सबके सामने पूछता हूं कि 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता ने कांग्रेस को कितनी सीटें दी थीं? शून्य। 2015 के विधानसभा में कांग्रेस को कितनी सीटें दी गईं? शून्य। 2019 के लोकसभा में कितनी सीटें दी गईं? शून्य। 2020 के विधानसभा में कितनी सीटें दी गईं? शून्य। 2024 के लोकसभा में कितनी सीटें दी गईं? शून्य। 2025 के विधानसभा में कितनी सीटें दी गईं? शून्य।’’ भाजपा करीब तीन दशक बाद राष्ट्रीय राजधानी में सत्ता में लौटी और उसने दिल्ली की 70 में से करीब 50 सीटें जीतीं, जबकि पिछले दो चुनावों में 60 से अधिक सीटें जीतने वाली आप को 22 सीटें मिलीं।