Introduction
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्य में घुसपैठ के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दोषी ठहराने के लिए पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। श्री अधिकारी ने सुश्री बनर्जी पर घुसपैठ के लिए बीएसएफ को दोषी ठहराकर 'निम्न-स्तरीय राजनीति' करने का आरोप लगाया, उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल सरकार की नहीं, बल्कि राष्ट्र की सेवा करते हैं।
श्री अधिकारी ने पत्र में लिखा, "सुरक्षा बल राष्ट्र की सेवा करते हैं, सरकार की नहीं। वे राष्ट्र के रक्षक हैं। जिस तरह से आपने पिछले कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल में हो रही घुसपैठ के लिए हमारे सैनिकों को दोषी ठहराया है, वह आपकी राजनीति के निम्नतम स्तर को दर्शाता है।" गुरुवार को ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बांग्लादेश से आतंकवादियों और घुसपैठियों को राज्य में प्रवेश करने में मदद कर रहा है और आगे कहा कि इस वजह से क्षेत्र में व्यवधान पैदा हो रहे हैं।
अपने पत्र में श्री अधिकारी ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी को सुरक्षा बलों का अपमान बताया। उन्होंने कहा, "राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो होते ही रहते हैं। लेकिन सुरक्षा बलों को इसमें घसीटना, उनका अपमान करना और अपनी विफलताओं का ठीकरा उन पर फोड़ना घटिया राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है। यह CAPFS के 75,000 कर्मियों, बंगाल में 33,000 BSF कर्मियों और देश के सभी सैनिकों का अपमान है।"
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी को भारत बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ के संबंध में @BSF_India की भूमिका पर उनके द्वारा की गई गैरजिम्मेदाराना और अपमानजनक टिप्पणी के संबंध में खुला पत्र:- pic.twitter.com/KMrZrNmNAW 'हमारे बहादुर सैनिकों का अपमान होते देखना बहुत दुखद है। हमारे सुरक्षा बल हमारे देश और नागरिकों की सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, चाहे वह कड़ाके की ठंड हो, चिलचिलाती गर्मी हो, तेज बारिश हो या कोई आपदा हो। हमारे सैनिकों के बारे में आपके अपमानजनक शब्दों को देश कभी नहीं भूलेगा,' उन्होंने कहा।
उन्होंने बताया कि देश की सीमा का एक बड़ा हिस्सा प्रतिकूल भौगोलिक परिस्थितियों के कारण खुला है। कुछ जगहों पर दुर्गम जंगल हैं, तो कुछ जगहों पर उफनती नदियाँ और बर्फ से ढके पहाड़ हैं। उन्होंने कहा, 'घुसपैठिए इन प्रतिकूल परिस्थितियों का फायदा उठाते हैं और हमारे इलाके में घुसकर गांवों में रहना शुरू कर देते हैं।'
श्री अधिकारी ने यह भी बताया कि सीमा से जुड़े विषयों पर राज्य सरकार का बीएसएफ के साथ सहयोग न करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। उन्होंने सवाल उठाया कि घुसपैठिए पहचान पत्र, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज कैसे प्राप्त कर पाते हैं, उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकार के अधिकारी अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा, 'जब ये घुसपैठिए किसी गांव में आते हैं, तो पटवारी उनके पहचान पत्र क्यों बनाते हैं? वे अपने राशन कार्ड कैसे बनवाते हैं? पुलिस और अन्य अधिकारी उन्हें वास्तविक नागरिक के रूप में कैसे सत्यापित करते हैं और उनके पहचान पत्र कैसे जारी करते हैं?'
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर सीमा से जुड़े विषयों पर बीएसएफ के साथ सहयोग न करने का भी आरोप लगाया। इससे पहले सुश्री बनर्जी ने टिप्पणी की थी कि सीमा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बीएसएफ इस्लामपुर, सीताई और चोपड़ा जैसे क्षेत्रों से लोगों को भारत में घुसने की अनुमति दे रही है और इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठाया और इसे केंद्र सरकार के 'ब्लूप्रिंट' के कारण बताया। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की भागीदारी के बिना यह स्थिति संभव नहीं थी।